5. मुहूर्त ट्रेडिंग का क्या अर्थ है?
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दिवाली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, और यह हिंदू वित्तीय वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक भी माना जाता है। हर साल की तरह, इस त्योहार को मनाने के लिए भारतीय बाज़ार एक विशेष व्यापारिक सत्र का आयोजन करता है।
दिवाली के दिन, भारतीय बाज़ार में लक्ष्मी पूजन के विशेष समय के दौरान एक विशेष व्यापारिक सत्र की व्यवस्था होती है जिसे वे मुहूर्त व्यापार कहते हैं। हिंदू पंचाग के अनुसार, इस दिन के कुछ शुभ घंटो के लिए एक खास विंडो खुलती है जिसमें व्यापारी और निवेशक सिक्योरिटी खरीद और बेच सकते हैं।
दिवाली हिंदू लेखा वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन भारत के गुजरातियों और मारवाड़ी समुदायों द्वारा खाता बही और नकद चेस्ट की पूजा करना शामिल है। स्टॉकब्रोकर चोपड़ा पूजा करते हैं या प्रथागत मुहूर्त ट्रेडिंग शुरू होने से पहले खाता पुस्तकों की पूजा करते हैं। उनका मानना है कि अगर वे इस दिन एक अच्छा व्यवसाय करते है तो आने वाला नया साल भी अच्छा होगा।
संवत व्यापार एक बहुत ही महत्वपूर्ण परंपरा है जिसके बाद ही भारतीय बाजारों में व्यापार होता है। तो, आइए जानते है कि मुहूर्त व्यापार क्या है और इसमें व्यापार कैसे किया जाता है?
मुहूर्त ट्रेडिंग क्या है?
मुहूर्त एक हिंदी शब्द है, जिसका अर्थ है शुभ समय, जिसकी गणना ग्रहों और तारों के अनुकूल संरेखण के आधार पर की जाती है। हिंदू ज्योतिष के लिए मुहूर्त महत्वपूर्ण हैं। लंबे समय से भारत में स्टॉक एक्सचेंज मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन कर रहे हैं। यह एक वार्षिक अनुष्ठान है जिसके लिए हर कोई तत्पर रहता है।.
मुहूर्त ट्रेडिंग आमतौर पर शाम को होती है। स्टॉक एक्सचेंज विशेष एक घंटे की व्यापारिक सत्रों की घोषणा करते हैं, जिसके दौरान हिंदू व्यापारी और निवेशक नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत करने के लिए शेयरों की खरीद और बिक्री में संलग्न होते हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से पूरे साल सौभाग्य और समृद्धि रहती है।
मुहूर्त ट्रेडिंग लगभग एक शताब्दी पुरानी परंपरा है
दिवाली के दिन भारत के कई घरों में देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, देवी लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं। इसलिए वे इस दिन वित्तीय लेन-देन में शामिल होना शुभ मानते हैं।
भारतीय बाजारों में मुहूर्त व्यापार लगभग आधी सदी पहले शुरू हुआ था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने 1957 में पहली बार इसका आयोजन किया था। एनएसई और अन्य एक्सचेंजों ने तब यह परंपरा जारी रखी, और 1992 में एनएसई में मुहूर्त का ट्रेडिंग शुरू हुई थी।
भारत में गुजराती और मारवाड़ी,जो दो महत्वपूर्ण व्यवसाय समुदाय है, उनके लिए यह बहुत महत्व का दिन होता है। यह सत्र संवत या उनके नया साल को चिह्नित करता है। वे पुराने लेजर को बंद करते हैं और नए को खोलते हैं। कई लोग स्टॉक ट्रेडिंग और निवेश में समवत ट्रेडिंग के दौरान जुडते हैं। दिवाली का यह विशेष सत्र एक घंटे तक चलता है और अगले दिन बाजार बंद रहता है।
डाटा दिखाता है कि दिवाली पर सूचकांक बुलिश रहते हैं
सामान्य सकारात्मकता मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान बाजार के ट्रेंड को मजबूत बनाए रखती है। पिछले पंद्रह वर्षों में, बीएसई सूचकांक ग्यारह उदाहरणों पर मजबूत रहने में कामयाब रहा। ऐतिहासिक रूप से, विशेष व्यापारिक घंटों के दौरान बाजार की चाल सकारात्मक बनी रही और स्टॉक भी कम अस्थिर रहा।
पिछले साल 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स विशेष ट्रेडिंग विंडो के दौरान 0.7 प्रतिशत चढ़कर 35,237 अंक पर बंद हुआ।
मुहूर्त ट्रेडिंग की तैयारी कैसे करें?
मुहूर्त ट्रेडिंग में जुड़ना चाहते हैं लेकिन पता नहीं है कैसे जुड़े ? निम्नलिखित टिप्स के साथ इस वर्ष के मुहूर्त व्यापार में भाग लेने के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं:
स्टॉक को शॉर्टलिस्ट करें: स्पॉट ट्रेडिंग शुरू होने से पहले ही, उन स्टॉक को शॉर्टलिस्ट करें, जिन्हें आप खरीदना चाहते हैं। ट्रेडिंग सत्र केवल एक घंटे तक चलता है, इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या ट्रेड करने जा रहे हैं। कुछ व्यापारी उन शेयरों को खरीदने का अवसर चुनते हैं जो वे लंबे समय के लिए होल्ड करेंगे। इसलिए, उन सिक्योरिटीज की सूची तैयार रखें जिन्हें आप दिवाली के शुभ घंटे के दौरान ट्रेड करना चाहते हैं।
होमवर्क करें: एक बार जब आप स्टॉक की लिस्ट तैयार कर लेते हैं, तो प्राइस ट्रेंड को निर्धारित करने के लिए तकनीकी संकेतकों की जांच करें। ऐतिहासिक डाटा और बाजार की गति के आधार पर, आप उन शेयरों को ट्रेड करने के लिए सबसे अच्छा समय चुन सकते हैं।
संवत ट्रेडिंग का लाभ कैसे लें?
मुहूर्त ट्रेडिंग का लाभ उठाने के लिए तैयार रहें। यदि आप एक नए व्यापारी हैं, तो किसी विशेष अवसर पर सबसे अच्छा सौदा करने के लिए अपना मन बना लें। मुहूर्त ट्रेडिंग से लाभ उठाने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं।
पहला व्यापार करें: अगर आप बाजार में नए हैं तो अपने निवेश के सफर की शुरुआत इस दिन से करें। हालांकि हम आपको रूढ़िवादी होने का सुझाव देंगे। एक या दो शेयरों में एक छोटी राशि का निवेश करें, और फिर एक सप्ताह या महीने में उन शेयरों में होने वाली हलचल को देखें। एक बार जब आप का आत्मविश्वास बढ़ जाता है तब धीरे-धीरे अपने निवेश को बढ़ाएं।
बुलिश मार्केट के साथ आगे बढ़ें: आमतौर पर, बाजार में इस दिन तेजी बनी रहती है- अगर आप एक इंट्राडे व्यापारी हैं तो यह एक अच्छा शगुन है। आप स्टॉक की कीमत बढ़ने से मुनाफा का सकते हैं और ट्रेडिंग समाप्त होने से पहले पोजीशन क्लोज कर सकते हैं।
निष्कर्ष
अब आप जानते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग क्या है, आगे बढ़ें और ट्रेडिंग शुरू करें। इसके अलावा, यह आपकी ट्रेडिंग रणनीति पर पुनर्विचार करने या नई रणनीति लागू करने का सही समय हो सकता है। एक बार जब आप होमवर्क कर लेते हैं, तो आप मुहूर्त ट्रेडिंग घंटों के दौरान अच्छे ट्रेड करने के लिए तैयार हैं।
अब तक आपने पढ़ा
- भारतीय बाज़ार लक्ष्मी पूजन के विशेष घंटों के दौरान एक विशेष व्यापारिक सत्र की व्यवस्था करते हैं जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहते है।
- मुहूर्त ट्रेडिंग आमतौर पर शाम को होती है।
- स्टॉक एक्सचेंज विशेष एक घंटे के व्यापारिक सत्रों की घोषणा करते हैं, जिसके दौरान हिंदू व्यापारी और निवेशक नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए शेयरों की खरीद और बिक्री में संलग्न होते हैं।
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