8. पुश्च दृष्टि पूर्वाग्रह: वो करना चाहिए
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2008 के वित्तीय संकट या 1990 के अंत का डॉटकॉम बबल तो आपको याद ही होगा। अगर आप अभी उस समय के कई लोगों से बात करेंगे तो वह आपको यह बताएँगे की सभी को पता था की यह चीजें होने वाली हैं और इसके सभी संकेत भी लोगों को दिख रहे थे। हालांकि, अगर आप इतिहास को देखते है, तो उसमें आप यह देखेंगे की उस समय विश्लेषक और निवेश पेशेवर बार-बार दुनिया को आगाह कर रहे थे कि यह समस्याएं आने वाली हैं, पर किसी ने भी उनकी बातें ना तो सुनी और ना ही इस पर ध्यान दिया। इसकी बजाय सभी लोग उन पर हंसे और निवेशकों ने भी उनकी चेतावनियों को बड़े पैमाने पर अनदेखा कर दिया।
निवेशकों पर अपने रिटर्न को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए अपने शेयरों कों सटीक समय पर खरीदने का एक दबाव होता है। और जब उन्हें शेयर से नुकसान होता है तो वो अफसोस करते हैं कि उन्होंने फैसला जल्दी क्यों नहीं लिया। और उन्हें इस बात का अफसोस भी होता है कि उन्होंने इस नुकसान को आते हुए देखा था। वास्तव में, यह उन कई संभावनाओं में से एक था, जिनका उन्होंने अनुमान लगाया था। जो भी अनुमान सही हो जाता है तो निवेशक को लगता है कि उसे इस घटना के बारे में पहले से पता था।
पाश्च दृष्टि पूर्वाग्रह या हाइंडसाइट बायस एक गलत धारणा है कि परिणाम अनुमानित थे (या हैं)। निवेश विश्लेषक इस पूर्वाग्रह के लिए विशेष रूप से अतिसंवेदनशील होते हैं। पाश्च दृष्टि पूर्वाग्रह उन लोगों में दिखाई देता जो अपने सही और सटीक पूर्वानुमानों को याद रखते हैं और गलत पूर्वानुमानों को भूल जाते हैं। मेरे पूर्वानुमान तो बिलकुल सटीक बैठते हैं, इस सोच का सबसे ज्यादा नुकसान यह होता है कि व्यक्ति बहुत ही लापरवाही और तर्कहिनता से रिस्क लेता है और इसी अति आत्मविश्वास की वजह से वह खुद को हाई-रिस्क या लॉस की स्थिति मे लाकर खड़ा कर देता है।
जितने भी निवेशकों को 1980 के दशक में ये ख्याल आया होगा बिल गेट्स एक बेहद समझदार व्यक्ति है या मैकिन्टोश एक बढ़िया प्रोडक्ट है वो उस वक्त माइक्रोसॉफ्ट या ऐप्पल के शेयर ना खरीदने पर आज अफसोस जताते होंगे। दरअसल, वे पाश्च दृष्टि पूर्वाग्रह से पीड़ित हो सकते हैं।
निवेशकों को, मौजूदा स्थितियां भविष्य को कैसे प्रभावित करेंगी, इसकी भविष्यवाणी करने या पूर्वानुमान लगाने की अपनी क्षमता का मूल्यांकन करते समय सावधान रहना चाहिए। जब कोई व्यक्ति यह मानता है कि वह भविष्य के परिणामों की भविष्यवाणी करने में सक्षम है, तो यह सोच उस व्यक्ति या समूह में अति आत्मविश्वास पैदा कर सकती है, और इसी वजह से शेयर को खरीदने का उनका कारण शेयर के वित्तीय प्रदर्शन के बजाय उनका अनुमान बन जाता है। और इसीलिए वह वही शेयर खरीदते हैं जिसके बारे में वह सोचते हैं कि वह सही अनुमान लगा लेंगे, ना कि वह शेयर जिसका वित्तीय प्रदर्शन उन्हें प्रत्यक्ष दिख रहा होता है।
पाश्च दृष्टि पूर्वाग्रह और आंतरिक मूल्यांकन
पाश्च दृष्टि पूर्वाग्रह, निवेशकों को किसी कंपनी के उद्देश्य विश्लेषण से विचलित कर सकता है। आंतरिक मूल्यांकन के तरीकों को ही काम में लेने से निवेशकों को व्यक्तिगत कारकों के बजाय, डाटा-संचालित कारकों के आधार पर निर्णय लेने में मदद मिलती है।
आंतरिक मूल्य व्यापार के सभी पहलुओं पर आधारित, शेयर के सही मूल्य की धारणा को संदर्भित करता है। ये मूल्य वर्तमान बाजार मूल्य के साथ मेल खा भी सकता है और नहीं भी।
मात्रात्मक और गुणात्मक विश्लेषण
एक आंतरिक मूल्यांकन आमतौर पर कंपनी के बिजनेस मॉडल, कॉर्पोरेट प्रशासन और टार्गेट मार्केट जैसे गुणात्मक कारकों को ध्यान में रखता है। फाइनेंशियल स्टेटमेंट विश्लेषण जैसे मात्रात्मक कारक वर्तमान बाजार मूल्य सही है या कंपनी ओवरवैल्यूड या अंडरवैल्यूड है, यह पता लगाने मे मदद करते हैं।
पाश्च दृष्टि पूर्वाग्रह से कैसे बचें
अन्य व्यवहार वित्त के अध्यायों में हमने एक निवेश डायरी रखने की जरूरत के बारे में बात की थी। हमें अपने निर्णयों के परिणामों और उन निर्णयों के पीछे के कारणों से हुई अपनी जीत यानी की मुनाफे और अपने नुकसान, दोनों से सीखना होगा। एक निवेश डायरी आत्म-धोखे के पूर्वाग्रह, जो हमारी सीखने की क्षमता को सीमित करता है, को कम करने में मदद करती है।
पाश्च दृष्टि पूर्वाग्रह हमें अपनी गलतियों को पहचानने और उनसे सीखने से रोकता है। हम इसे अपनी सीखने की सीमा के रूप में बयान करते हैं क्योंकि हम कुछ भी सच होने पर हमेशा ये मान लेते हैं कि हमें ये पहले से ही पता था।
तो, हम इस पूर्वाग्रह से कैसे बच सकते हैं? एक निवेश डायरी रखना, और हमारे निवेश निर्णयों की वजह से मिलने वाले परिणामों की तर्कसंगत को देखना, इस पूर्वाग्रह को रोकने का एक अच्छा तरीका है।
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